Surah Ar-Rahman

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بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ
اَلرَّحْمٰنُۙ١
Ar-raḥmān(u).
[1] अत्यंत दयावान् ने।

عَلَّمَ الْقُرْاٰنَۗ٢
‘Allamal-qur'ān(a).
[2] यह क़ुरआन सिखाया।

خَلَقَ الْاِنْسَانَۙ٣
Khalaqal-insān(a).
[3] उसने मनुष्य को पैदा किया।

عَلَّمَهُ الْبَيَانَ٤
‘Allamahul-bayān(a).
[4] उसे बात करना सिखाया।

اَلشَّمْسُ وَالْقَمَرُ بِحُسْبَانٍۙ٥
Asy-syamsu wal-qamaru biḥusbān(in).
[5] सूर्य तथा चंद्रमा एक हिसाब से चल रहे हैं।

وَّالنَّجْمُ وَالشَّجَرُ يَسْجُدَانِ٦
Wan-najmu wasy-syajaru yasjudān(i).
[6] तथा बिना तने के पौधे और पेड़ सजदा करते हैं।

وَالسَّمَاۤءَ رَفَعَهَا وَوَضَعَ الْمِيْزَانَۙ٧
Was-samā'a rafa‘ahā wa waḍa‘al-mīzān(a).
[7] और उसने आकाश को ऊँचा किया और न्याय का संतुलन स्थापित किया।1
1. (देखिए : सूरतुल-ह़दीद, आयत : 25) अर्थ यह है कि धरती में न्याय का नियम बनाया और उसके पालन का आदेश दिया।

اَلَّا تَطْغَوْا فِى الْمِيْزَانِ٨
Allā taṭgau fil-mīzān(i).
[8] ताकि तुम माप-तौल में अति न करो।

وَاَقِيْمُوا الْوَزْنَ بِالْقِسْطِ وَلَا تُخْسِرُوا الْمِيْزَانَ٩
Wa aqīmul-wazna bil-qisṭi wa lā tukhsirul-mīzān(a).
[9] तथा न्याय के साथ तौल को सीधा रखो और माप-तौल में कमी न करो।

وَالْاَرْضَ وَضَعَهَا لِلْاَنَامِۙ١٠
Wal-arḍa waḍa‘ahā lil-anām(i).
[10] और उसने धरती को सृष्टि के लिए (रहने योग्य) बनाया।

فِيْهَا فَاكِهَةٌ وَّالنَّخْلُ ذَاتُ الْاَكْمَامِۖ١١
Fīhā fākihatuw wan-nakhlu żātul-akmām(i).
[11] उसमें फल हैं, तथा आवरणों वाले खजूर के वृक्ष हैं।

وَالْحَبُّ ذُو الْعَصْفِ وَالرَّيْحَانُۚ١٢
Wal-ḥabbu żul-‘aṣfi war-raiḥān(u).
[12] और भूसे वाले अन्न तथा सुगंधित पौधे हैं।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ١٣
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[13] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

خَلَقَ الْاِنْسَانَ مِنْ صَلْصَالٍ كَالْفَخَّارِ١٤
Khalaqal-insāna min ṣalṣālin kal-fakhkhār(i).
[14] उसने मनुष्य को ठीकरी की तरह बजने वाली मिट्टी से पैदा किया।

وَخَلَقَ الْجَاۤنَّ مِنْ مَّارِجٍ مِّنْ نَّارٍۚ١٥
Wa khalaqal-jānna mim mārijim min nār(in).
[15] तथा जिन्नों को आग की ज्वाला से पैदा किया।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ١٦
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[16] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

رَبُّ الْمَشْرِقَيْنِ وَرَبُّ الْمَغْرِبَيْنِۚ١٧
Rabbul-masyriqaini wa rabbul-magribain(i).
[17] (वह) सूर्योदय2 के दोनों स्थानों तथा सूर्यास्त के दोनों स्थानों का रब है।
2. गर्मी तथा जाड़े में सूर्योदय तथा सूर्यास्त के स्थानों का। इससे अभिप्राय पूर्व तथा पश्चिम की दिशा नहीं है।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ١٨
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[18] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

مَرَجَ الْبَحْرَيْنِ يَلْتَقِيٰنِۙ١٩
Marajal-baḥraini yaltaqiyān(i).
[19] उसने दो सागरों को मिला दिया, जो (देखने में) आपस में मिलते हैं।

بَيْنَهُمَا بَرْزَخٌ لَّا يَبْغِيٰنِۚ٢٠
Bainahumā barzakhul lā yabgiyān(i).
[20] उन दोनों के बीच एक अवरोध है (जिससे) वे आगे नहीं बढ़ते।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ٢١
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[21] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

يَخْرُجُ مِنْهُمَا اللُّؤْلُؤُ وَالْمَرْجَانُۚ٢٢
Yakhruju minhumal-lu'lu'u wal-marjān(u).
[22] उन दोनों से मोती और मूँगा निकलते हैं।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ٢٣
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[23] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

وَلَهُ الْجَوَارِ الْمُنْشَاٰتُ فِى الْبَحْرِ كَالْاَعْلَامِۚ٢٤
Wa lahul-jawāril-munsya'ātu fil-baḥri kal-a‘lām(i).
[24] तथा उसी के अधिकार में हैं समुद्र में चलने वाले पहाड़ों जैसे जहाज़।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ࣖ٢٥
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[25] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

كُلُّ مَنْ عَلَيْهَا فَانٍۖ٢٦
Kullu man ‘alaihā fān(in).
[26] हर कोई जो इस (धरती) पर है, नष्ट होने वाला है।

وَّيَبْقٰى وَجْهُ رَبِّكَ ذُو الْجَلٰلِ وَالْاِكْرَامِۚ٢٧
Wa yabqā wajhu rabbika żul-jalāli wal-ikrām(i).
[27] तथा आपके पालनहार का चेहरा बाक़ी रहेगा, जो बड़ी महिमा और सम्मान वाला है।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ٢٨
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[28] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

يَسْـَٔلُهٗ مَنْ فِى السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ كُلَّ يَوْمٍ هُوَ فِيْ شَأْنٍۚ٢٩
Yas'aluhū man fis-samāwāti wal-arḍ(i), kulla yaumin huwa fī sya'n(in).
[29] उसी से माँगता है, जो कोई आकाशों तथा धरती में है। वह प्रतिदिन एक (नए) कार्य में है।3
3. अर्थात वह अपनी उत्पत्ति की आवश्यकताएँ पूरी करता, प्रार्थनाएँ सुनता, सहायता करता, रोगी को निरोग करता, अपनी दया प्रदान करता, तथा अपमान-सम्मान और विजय-प्राजय देता और अनगिनत कार्य करता है।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ٣٠
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[30] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

سَنَفْرُغُ لَكُمْ اَيُّهَ الثَّقَلٰنِۚ٣١
Sanafrugu lakum ayyuhaṡ-ṡaqalān(i).
[31] हम जल्द ही तुम्हारे लिए फ़ारिग़ होंगे4 ऐ दो भारी समूहो! (जिन्नो और इनसानो!)5
4. इस वाक्या का अर्थ मुह़ावरे में धमकी देना और सावधान करना है। 5. इसमें प्रलय के दिन की ओर संकेत है जब सब मनुष्यों और जिन्नों के कर्मों का ह़िसाब लिया जाएगा।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ٣٢
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[32] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

يٰمَعْشَرَ الْجِنِّ وَالْاِنْسِ اِنِ اسْتَطَعْتُمْ اَنْ تَنْفُذُوْا مِنْ اَقْطَارِ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ فَانْفُذُوْاۗ لَا تَنْفُذُوْنَ اِلَّا بِسُلْطٰنٍۚ٣٣
Yā ma‘syaral-jinni wal-insi inistaṭa‘tum an tanfużū min aqṭāris-samāwāti wal-arḍi fanfużū, lā tanfużūna illā bisulṭān(in).
[33] ऐ जिन्न तथा मनुष्य के समूह! यदि तुम आकाशों तथा धरती के किनारों से निकल सकते हो, तो निकल भागो, (परंतु) तुम शक्ति (प्रभुत्व) के बिना नहीं निकल सकोगे।6
6. अर्थ यह है कि अल्लाह की पकड़ से बच निकलना तुम्हारे बस में नहीं है।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ٣٤
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[34] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

يُرْسَلُ عَلَيْكُمَا شُوَاظٌ مِّنْ نَّارٍۙ وَّنُحَاسٌ فَلَا تَنْتَصِرَانِۚ٣٥
Yursalu ‘alaikumā syuwāẓum min nār(in), wa nuḥāsun falā tantaṣirān(i).
[35] तुम दोनों पर आग का ज्वाला तथा धुआँ छोड़ा जाएगा। फिर तुम अपने आपको बचा नहीं सकोगे।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ٣٦
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[36] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

فَاِذَا انْشَقَّتِ السَّمَاۤءُ فَكَانَتْ وَرْدَةً كَالدِّهَانِۚ٣٧
Fa iżansyaqqatis-samā'u fa kānat wardatan kad-dihān(i).
[37] फिर जब आकाश फट जाएगा, तो वह तेल की तरह लाल हो जाएगा।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ٣٨
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[38] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

فَيَوْمَئِذٍ لَّا يُسْـَٔلُ عَنْ ذَنْۢبِهٖٓ اِنْسٌ وَّلَا جَاۤنٌّۚ٣٩
Fa yauma'iżil lā yus'alu ‘an żambihī insuw wa lā jānn(un).
[39] फिर उस दिन न किसी मनुष्य से उसके गुनाह के बारे में पूछा जाएगा और न किसी जिन्न से।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ٤٠
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[40] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

يُعْرَفُ الْمُجْرِمُوْنَ بِسِيْمٰهُمْ فَيُؤْخَذُ بِالنَّوَاصِيْ وَالْاَقْدَامِۚ٤١
Yu‘raful-mujrimūna bisīmāhum fa yu'khażu bin-nawāṣī wal-aqdām(i).
[41] अपराधियों की पहचान उनके चिह्नों से होगी, फिर माथे के बालों और पैरों से (उन्हें) पकड़ा जाएगा।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ٤٢
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[42] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

هٰذِهٖ جَهَنَّمُ الَّتِيْ يُكَذِّبُ بِهَا الْمُجْرِمُوْنَۘ٤٣
Hāżihī jahannamul-latī yukażżibu bihal-mujrimūn(a).
[43] यही है वह जहन्नम, जिसे अपराधी लोग झुठलाते थे।

يَطُوْفُوْنَ بَيْنَهَا وَبَيْنَ حَمِيْمٍ اٰنٍۚ٤٤
Yaṭūfūna bainahā wa baina ḥamīmin ān(in).
[44] वे उसके और खौलते हुए पानी के बीच चक्कर लगा रहे होंगे।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ࣖ٤٥
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[45] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

وَلِمَنْ خَافَ مَقَامَ رَبِّهٖ جَنَّتٰنِۚ٤٦
Wa liman khāfa maqāma rabbihī jannatān(i).
[46] और जो व्यक्ति अपने पालनहार के समक्ष खड़े होने से डर गया, उसके लिए दो बाग़ हैं।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِۙ٤٧
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[47] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

ذَوَاتَآ اَفْنَانٍۚ٤٨
Żawātā afnān(in).
[48] दोनों बहुत शाखाओं वाले हैं।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ٤٩
Fabi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[49] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

فِيْهِمَا عَيْنٰنِ تَجْرِيٰنِۚ٥٠
Fīhimā ‘aināni tajriyān(i).
[50] उन दोनों में दो जल स्रोत बहते हैं।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ٥١
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[51] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

فِيْهِمَا مِنْ كُلِّ فَاكِهَةٍ زَوْجٰنِۚ٥٢
Fīhimā min kulli fākihatin zaujān(i).
[52] उन दोनों में प्रत्येक फल के दो प्रकार हैं।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِۚ٥٣
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[53] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

مُتَّكِـِٕيْنَ عَلٰى فُرُشٍۢ بَطَاۤىِٕنُهَا مِنْ اِسْتَبْرَقٍۗ وَجَنَا الْجَنَّتَيْنِ دَانٍۚ٥٤
Muttaki'īna ‘alā furusyim baṭā'inuhā min istabraq(in), wa janal-jannataini dān(in).
[54] ऐसे बिस्तरों पर तकिए लगाए होंगे, जिनके स्तर मोटे रेशम के हैं और दोनों बाग़ों के फल निकट हैं।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ٥٥
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[55] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

فِيْهِنَّ قٰصِرٰتُ الطَّرْفِۙ لَمْ يَطْمِثْهُنَّ اِنْسٌ قَبْلَهُمْ وَلَا جَاۤنٌّۚ٥٦
Fīhinna qāṣirātuṭ-ṭarf(i), lam yaṭmiṡhunna insun qablahum wa lā jānn(un).
[56] उनमें नीची निगाहों वाली औरतें हैं, जिन्हें उनसे पहले न किसी मनुष्य ने हाथ लगाया है और न किसी जिन्न ने।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِۚ٥٧
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[57] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

كَاَنَّهُنَّ الْيَاقُوْتُ وَالْمَرْجَانُۚ٥٨
Ka'annahunnal-yāqūtu wal-marjān(u).
[58] मानो वे (स्त्रियाँ) माणिक और मूँगा हैं।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ٥٩
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[59] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

هَلْ جَزَاۤءُ الْاِحْسَانِ اِلَّا الْاِحْسَانُۚ٦٠
Hal jazā'ul-iḥsāni illal-iḥsān(u).
[60] एहसान का बदला एहसान के सिवा क्या है?

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ٦١
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[61] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

وَمِنْ دُوْنِهِمَا جَنَّتٰنِۚ٦٢
Wa min dūnihimā jannatān(i).
[62] तथा इन दो (बाग़ों) के अलावा और दो बाग़ हैं।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِۙ٦٣
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[63] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

مُدْهَاۤمَّتٰنِۚ٦٤
Mudhāmmatān(i).
[64] दोनों गहरे हरे रंग के हैं।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ٦٥
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[65] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

فِيْهِمَا عَيْنٰنِ نَضَّاخَتٰنِۚ٦٦
Fīhimā ‘aināni naḍḍākhatān(i).
[66] उन दोनों में जोश मारते हुए दो जल स्रोत हैं।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِۚ٦٧
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[67] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

فِيْهِمَا فَاكِهَةٌ وَّنَخْلٌ وَّرُمَّانٌۚ٦٨
Fīhimā fākihatuw wa nakhluw wa rummān(un).
[68] उन दोनों में फल तथा खजूर के पेड़ और अनार हैं।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِۚ٦٩
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[69] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

فِيْهِنَّ خَيْرٰتٌ حِسَانٌۚ٧٠
Fīhinna khairātun ḥisān(un).
[70] उनमें कई अच्छे व्यवहार वाली, खूबसूरत महिलाएं हैं।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِۚ٧١
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[71] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

حُوْرٌ مَّقْصُوْرٰتٌ فِى الْخِيَامِۚ٧٢
Ḥūrum maqṣūrātun fil-khiyām(i).
[72] हूरें (यानी गोरे बदन, काली आँखों वाली औरतें), जो खेमों में रोकी हुई हैं।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِۚ٧٣
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[73] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

لَمْ يَطْمِثْهُنَّ اِنْسٌ قَبْلَهُمْ وَلَا جَاۤنٌّۚ٧٤
Lam yaṭmiṡhunna insun qablahum wa lā jānn(un).
[74] उनसे पहले न तो किसी मनुष्य ने उन्हें छुआ है और न ही किसी जिन्न ने।7
7. ह़दीस में है कि यदि स्वर्ग की कोई सुंदरी संसार वासियों की ओर झाँक दे, तो दोनों के बीच उजाला हो जाए और उन्हें सुगंध से भर दे। (सह़ीह़ बुख़ारी शरीफ़ : 2796)

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِۚ٧٥
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[75] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

مُتَّكِـِٕيْنَ عَلٰى رَفْرَفٍ خُضْرٍ وَّعَبْقَرِيٍّ حِسَانٍۚ٧٦
Muttaki'īna ‘alā rafrafin khuḍriw wa ‘abqariyyin ḥisān(in).
[76] वे हरी और उत्कृष्ट एवं अति सुंदर क़ालीनों पर तकिया लगाए होंगे।

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِۚ٧٧
Fa bi'ayyi ālā'i rabbikumā tukażżibān(i).
[77] तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

تَبٰرَكَ اسْمُ رَبِّكَ ذِى الْجَلٰلِ وَالْاِكْرَامِ ࣖ٧٨
Tabārakasmu rabbika żil-jalāli wal-ikrām(i).
[78] बहुत बरकत वाला है आपके पालनहार का नाम, जो बड़ी महिमा और सम्मान वाला है।